तहसील में मेला, सब भागे नोट पकड़ने
पेड़ की ऊँचाई पर बैठा बंदर बैग से नोट निकाल-निकालकर नीचे फेंकने लगा। जैसे ही ₹500 के नोट हवा में उड़ते, नीचे खड़े लोग पागलों की तरह भागते, कूदते और हाथ फैलाकर पकड़ने की कोशिश करते।
कुछ लोग अपनी चप्पलें छोड़कर नोट के पीछे भागे, तो कोई फाइल गिराकर दौड़ पड़ा। हंसी, शोर और अफरातफरी से पूरा दफ़्तर मेला बन गया।
जब सब शांत हुआ और पैसे गिने गए तो पता चला कि सिर्फ ₹52,000 वापस मिल पाए। बाक़ी ₹28,000 हवा के साथ उड़ गए या भीड़ में कहीं “गायब” हो गए।
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